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Cradled in the lap of mountains at the foothills of auspicious Trikuta, besides the river Tawi at an altitude of 1030 ft. is Jammu. This 'city of temples' has many places...
हिन्दी निदेशालय, जम्मू विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत श्रृंखला - 2 में ऑनलाइन विशिष्ट व्याख्यान का सफल आयोजन किया गया। विशिष्ट वक्ता के रूप में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर की सह प्रोफेसर एवं पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुनीता शर्मा उपस्थित थीं । व्याख्यान की शुरुआत हिन्दी निदेशालय की सहायक आचार्य डॉ. कोशिका शर्मा द्वारा विशिष्ट वक्ता के विधिवत स्वागत और परिचय से हुई । डॉ. सुनीता शर्मा ने ‘पंजाब का हिंदी साहित्य को योगदान’ विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान के आरम्भ में उन्होंने पंजाब की ऐतिहासिक संरचना पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात मध्यकालीन हिंदी साहित्य में पंजाब के रचनाकारों की भूमिका स्पष्ट की तथा सिद्धों, नाथों, गुरु गोविन्द सिंह, गोरखनाथ की वाणी आदि महत्वपूर्ण रचनाकारों व उनकी साहित्यक विशेषताओं को उजागर किया, जिससे यह ज्ञात हुआ की हिंदी साहित्य के विकास में पंजाब की भूमिका अविस्मरनीय है ।
मुख्य वक्ता ने ऑनलाइन जुड़े अध्यापकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों की जिज्ञासाओं का शमन संतोषजनक उत्तर देकर किया। इस कार्यक्रम में प्रो.परमेश्वरी शर्मा (सेवानिवृत, हिंदी विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय) दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र, अंग्रेजी, की वरिष्ट प्रो. अनुपमा वोहरा, पंजाबी के डॉ. राजबीर सोडी तथा अन्य अध्यापकों के अतिरिक्त विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन सहायक आचार्य डॉ. कोशिका शर्मा की ओर से हुआ। कार्यक्रम का सफल आयोजन हिन्दी निदेशालय की निदेशक, प्रो. अंजु शर्मा के कुशल निरीक्षण में संपन्न हुआ।