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Cradled in the lap of mountains at the foothills of auspicious Trikuta, besides the river Tawi at an altitude of 1030 ft. is Jammu. This 'city of temples' has many places...
The following candidate who has been selected for Ph.D course in the P.G Deptt.Of Hindi.
New%20Doc%2011-25-2024%2016.08.pdf
The following is the list of students who are eligible to appear before interview for admission to Ph.D Programme in the Department of Hindi for the session September 2024.
New%20Doc%2011-21-2024%2016.25.pdf
The following is the list of students who have applied for admission to Ph.D programme in the deptt. of Hindi for the session September 2024.
New%20Doc%2011-11-2024%2012.21.pdf
List of students : Ph.D Admission for the Session September 2024
हिन्दी दिवस के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट आभासीय व्याख्यान का आयोजन
जम्मू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर 13 सितंबर 2024 को एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रो. पुष्पिता अवस्थी, अंतरराष्ट्रीय लेखिका एवं अध्यक्ष, हिन्दी यूनिवर्स फाउंडेशन, नीदरलैंड रहीं। सर्वप्रथम अध्यक्ष्य, प्रो. रजनी बाला, हिन्दी विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू ने मुख्य वक्ता का विधिवत स्वागत करते हुए वैश्विक फलक पर हिन्दी भाषा एवम् भारतीय संस्कृति के प्रति उनके अतुलनीय योगदान की प्रशंसा की। मुख्य वक्ता ने "हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य और भारतीय संस्कृति" विषय पर अपने विशिष्ट व्याख्यान में हिन्दी के वैश्विक स्वरूप और उसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। जनतांत्रिक आधार पर हिंदी विश्व भाषा है क्योंकि उसके बोलने-समझने वालों की संख्या संसार अपरिमित है । विश्व के 132 देशों में जा बसे भारतीय मूल के लगभग 2 करोड़ लोग हिंदी माध्यम से ही अपना कार्य निष्पादित करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एशियाई संस्कृति में अपनी विशिष्ट भूमिका के कारण हिंदी एशियाई भाषाओं से अधिक एशिया की प्रतिनिधि भाषा है। उन्होंने मुख्य रूप से इस बात पर बल दिया कि हिन्दी हमारी व्यक्तिगत, जातीय, सांस्कृतिक पहचान का सबल माध्यम है।
कार्यक्रम में देश-विदेश से कई विद्वानों ने भाग लिया, जिनमें से डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी ने चीन से जुड़कर चीन में हिन्दी भाषा की समृद्धि और उसके प्रसार पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने चीन में हिंदी भाषा के निरंतर विकसित होते स्वरूप से परिचित करवाया। विवेक मणि बताते हैं कि चीन में हिंदी की स्थिति अच्छी है। वर्ष 1942 में वहां हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू हुई थी। वर्ष 2000 तक केवल एक ही विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा पाठ्यक्रम में थी। अब 17 विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम के रूप में शामिल है। चीन हिन्दी भाषा के संदर्भ में अनुवाद पर विशेष रूप से कार्य कर रहा है। भारत से माननीय प्रो. चक्रधर त्रिपाठी, कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय कोल्हापुर ने हिन्दी भाषा की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर विचार रखते हुए विद्यार्थियों और शोधार्थियों को लाभान्वित किया। इस अवसर पर विभाग की अध्यापक डॉ. बंदना ठाकुर भी उपस्थित रहीं। इस आयोजन में विद्यार्थी, शोधार्थी और विभिन्न संस्थानों से जुड़े विद्वान भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ विभाग की शोधार्थी सुषमा देयोल ने सरस्वती वंदना का सस्वर गायन से किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ. भगवती देवी ने किया, और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. परषोतम कुमार ने व्यक्त किया।
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Notice- Fresh admissions for P.G Hindi Department,University Of Jammu from 12-08-2024 to 19-08-2024
PG%20Admission%20Notification-19%20%28Special%20Mop-Up-Round-2024%29_c_1.pdf
नवागन्तुक समागम समारोह प्रथम सत्र - 2024 - 2025
नवागन्तुक परिचय समागम प्रथम सत्र - 2024 - 2025
हिंदी विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू द्वारा 'हिंदी भाषा: प्रौद्योगिकी विकास' विषय पर चर्चा-परिचर्चा
हिंदी विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू द्वारा 'हिंदी भाषा: प्रौद्योगिकी विकास' विषय पर चर्चा-परिचर्चा 22-12- 2023 प्रातः 10:30 बजे हिन्दी विभाग के स्मार्ट क्लास रूम में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में प्रो. रजनी बाला हिंदी विभागाध्यक्ष मुख्य वक्ता के रूप में रहीं। उन्होंने वैश्विक धरातल पर हिन्दी के महत्व को बताते हुए तकनीक का विकास भारतीय भाषाओं में खोजने की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिन्दी भाषा में भारतीयता का संस्कार है और इस संस्कार के अभाव में तकनीकी विकास संभव नहीं। वैश्विक धरातल पर आयोजित हिंदी सम्मेलनों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि आई .आई .टी कानपुर, दिल्ली और पुणे ने हिन्दी को तकनीक से जोड़ने में मुख्य भूमिका निभाते हुए उसे आर्थिक जगत की भाषा के साथ भी जोड़ा है। हिंदी और प्रौद्योगिकी के संदर्भ में विभिन्न पैकेज, वेबसाइट्स और सॉफ्टवेयर से सदन को परिचित कराया गया।इस कार्यक्रम में हिंदी विभाग के डॉ.परषोतम कुमार, डॉ. बंदना ठाकुर सहित विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थी एवम् विभाग के सभी शोधार्थी उपस्थित रहे। इस चर्चा - परिचर्चा में लगभग 75 विधार्थियों, शोधार्थियों एवम् अध्यापकों ने भाग लिया।औपचारिक धन्यवाद डॉ. कोशिका शर्मा और कार्यक्रम का संचालन डॉ. भगवती देवी ने किया।
M.A IST SEMESTER C.NO PSHITC 104 SHOULD BE HELD ON 12/04/2024
New%20Doc%2004-11-2024%2016.18.pdf
20 नवंबर, 2023 हिन्दी विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय द्वारा विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रजनी बाला ने अतिथियों के विधिवत स्वागत से किया। व्याख्यान में विशिष्ट वक्ता के रूप में पूर्वोत्तर असम प्रदेश की साहित्यकर्मी, अनुवादक और समाज सेवी रूमी लस्कर बोरा ने असम की संस्कृति और साहित्य से अवगत कराते हुए मातृभाषा की महत्ता पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर ललित मगोत्रा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपनी कविताओं और विचारों द्वारा युवा पीढ़ी को साहित्य की प्रासंगिकता से परिचित कराया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन डॉ. परषोत्तम कुमार द्वारा औपचारिक धन्यवाद से किया गया। मंच संचालन डॉ. बंदना ठाकुर ने किया। व्याख्यान में लगभग पचास से अधिक शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे। संपूर्ण कार्यक्रम हिन्दी विभागाध्यक्ष के सफल निर्देशन में संपन्न हुआ ।
P.G Admission Notification 23/07/2024 to 24/07/2024
New%20Doc%2007-23-2024%2013.00.pdf
जम्मू, 1 अगस्त 2024:
प्रेस विज्ञप्ति
हिन्दी विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय ने आज नवागन्तुक परिचय समागम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में नए विद्यार्थियों का स्वागत किया गया और उन्हें विभाग की गतिविधियों एवं संस्कृति से परिचित कराया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष प्रो. रजनी बाला ने दीप प्रज्वलित कर किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने नवागन्तुक छात्रों का अभिवादन किया और उन्हें विभाग की विभिन्न शैक्षणिक और सह - शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के महत्त्व और उनके भावी करियर की संभावनाओं पर प्रेरणादायक भाषण दिया।
इस अवसर पर विभाग के सहायक प्राध्यापकों में डॉ. परषोतम कुमार, डॉ. भगवती देवी, डॉ. कोशिका शर्मा ने भी अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को सफलता के मंत्र बताए। प्रथम सत्र के विद्यार्थियों ने हिन्दी के प्रति अपना उत्साह,अनुभव और उम्मीदें साझा कीं। द्वितीय सत्र के विद्यार्थियों ने अनुभव साझा करते हुए विभाग की पढ़ने,लिखने और समझने की संस्कृति और परम्परा को बनाए रखने की प्रेरणा प्रथम सत्र के विद्यार्थियों को दी। विभाग के शोधार्थियों ने विभाग में चल रही शोध की गतिविधि पर प्रकाश डालते हुए शोध के महत्त्व पर बात रखी।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने कविता पाठ किया। यह समागम विभाग के छात्रों और शिक्षकों के बीच एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करने में सफल रहा। नवागन्तुक परिचय समागम कईं कड़ियों के रूप में आगामी सप्ताह भी जारी रहेगा।
Name | Designation | Qualification | Specialization | Contact Info. |
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Prof. Rajni Bala | Professor & Head | Ph. D. | Ajneya Sahitya, Lambi Kavita | E-mail: rbalajmu@gmail.com EPABX: Mobile No.: 9419106436 , 9622865436 |
Dr. Parshotam Kumar | Assistant Professor | Ph. D. | Hindi Upanyas | E-mail: parshotam0086@gmail.com EPABX: Mobile No.: 9419104386 |
Dr. Bandana Thakur | Assistant Professor | MA, M.Phill, Ph.D | Hindi Drama | E-mail: thakurbandana469@gmail.comEPABX: Mobile No.: 7006721954 |
Dr. Bhagwati Devi | Assistant Professor | PH.D | Hindi Literature | E-mail: drbhagwativ@gmail.comEPABX: Mobile No.: 7051894197 |
Dr. Koshika Sharma | Assistant Professor | Ph.D | Hindi Literature | E-mail: sharmakoshika78@gmail.comEPABX: Mobile No.: 7889583970 |