विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में चर्चा-परिचर्चा का आयोजन

विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 10जनवरी 2024 को हिंदी विभाग में दोपहर 3.00 बजे चर्चा-परिचर्चा का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो.रजनी बाला के कुशल निर्देशन में किया गया। इस कार्यक्रम में विभाग के विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विधार्थियों ने हिंदी भाषा के संवादात्मक रूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय अस्मिता और राष्ट्रीय चरित्र का विकास भाषा के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा है। भाषा को कोई गढ़ता नहीं है वह तो हवा और पानी की तरह सहज भाव से बहती है। विभाग के शोधार्थी ममता देवी, मोहम्मद सुलेमान, सपना सैनी ने इस अवसर पर आलेख पाठ किया। एम. ए की विद्यार्थी मिलन, अमरेश कुमार, रवि कुमार, सचिन ने हिंदी भाषा से संबंधित अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया। इस आयोजन की अध्यक्षता डॉ. परषोतम कुमार ने की। उन्होंने कहा कि हिन्दी भारत की मौलिक भाषा है। यह प्यार, प्रार्थना एवं संस्कार की भाषा है। हिन्दी में भाव-जगत से जुड़े सूक्ष्म शब्द है, वह अंग्रेजी में मिल नहीं सकते। इसीलिए भारत के स्वाधीनता संग्राम की भाषा हिन्दी ही बनी। वैश्विक क्षितिज पर हिन्दी का प्रसार जारी है। दुनिया के अनेक देशों में अब हिन्दी बोली जा रही है। इस आयोजन में विभाग की अध्यापिका डॉ. बंदना ठाकुर और डॉ. कोशिका शर्मा ने संवाद करते हुए उपस्थित बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत किया । औपचारिक धन्यवाद विभाग की शोधार्थी संतोष ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भगवती देवी ने किया।