Cradled in the lap of mountains at the foothills of auspicious Trikuta, besides the river Tawi at an altitude of 1030 ft. is Jammu. This 'city of temples' has many places...
संस्कृत संभाषण शिविर में पंद्रह दिन तक छात्रों ने लिया प्रशिक्षण।
जम्मू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में शुक्रवार को संस्कृत संभाषण शिविर का समापन किया गया। यह शिविर संस्कृत भारती जम्मू-कश्मीर तथा संस्कृत विभाग के सहयोग से पंद्रह से उन्नतीस फरवरी तक आयोजित किया गया। शिविर में प्रत्येक दिन छात्रों को प्रारंभिक संस्कृत का ज्ञान करवाया गया, जिसमें संस्कृत वर्णमाला, संस्कृत वस्तुएं, संस्कृत गायन, संस्कृत नैतिक शिक्षा, श्लोक पाठ इत्यादि विषयों को छात्रों से अवगत करवाया गया। इस कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की अध्यक्ष प्रो.सुषमा देवी ने सभी अतिथियों का स्वागत कर छात्रों को संस्कृत की आधुनिक समय में प्रासंगिकता से अवगत कराया।
इसके साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित संस्कृत भारती के संगठन मंत्री श्रीमान ऋषि कुमार ने कहा कि आधुनिक समाज में अनेक ऐसे लोग हैं जो केवल संस्कृत भाषा में ही दैनिक जीवन जी रहे हैं । उन्होंने कहा कि संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है जो संपूर्ण विश्व को एक विचारधारा में लेकर चलने की क्षमता रखती है।कार्यक्रम की अध्यक्षाता प्रोफेसर सुचेता पठनिया जी ने की ,सारस्वत अतिथि प्रोफेसर अनुपमा वोहरा रहीं । कार्यक्रम के अंत में शिविर में उपस्थित सभी छात्रों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।धन्यवाद प्रस्ताव डॉ विद्याधर जी ने किया ।प्रोफेसर राम बहादुर, डॉ सत्यप्रिय आर्य ,डॉ प्रियंका आर्य ,डॉ कामिनी शर्मा, डॉ पंकज शर्मा आदि भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे ।